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स्वामी केशवानंद जी की जीवनी Swami Keshwanand

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एक गरीब बालक के रूप में जिंदगी का सफर शुरू करने वाले बिरमा राम अपनी लगन और कर्मफल से शिक्षा संत स्वामी केशवानंद जी के रूप में विख्यात हुए। इन्होंने अंग्रेजी शासन काल में शिक्षा की जोत जगाने के लिए 287 विद्यालय और शिक्षण संस्थान खोले, जिसमें ग्रामोत्थान विद्यापीठ संगरिया प्रमुख है।       स्वामी केशवानंद जी, जिन्हें सीमांचल के शिक्षा संत के रूप में जाना जाता है, ने शिक्षा और समाज सुधार के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया है। उनके द्वारा स्थापित सैकड़ों विद्यालय आज भी हनुमानगढ़, गंगानगर, चूरू, आबोहर और फाजिल्का जिलों के लोगों को शिक्षा का लाभ पहुंचा रहे हैं। इन क्षेत्रों में शिक्षा के माध्यम से उन्होंने एक नई दिशा दी, जो उनके प्रति सम्मान और श्रद्धा का प्रतीक है।            स्वामी केशवानंद जी न केवल एक शिक्षा संत थे, बल्कि एक समाज सुधारक भी थे। उन्होंने सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई और समाज में बदलाव लाने के लिए निरंतर प्रयास किए। 1942 में ग्रामोथन विद्यापीठ संगरिया के रजत जयंती समारोह के अवसर पर स्वामी जी ने मृत्यु भोज जैसी कुप्रथाओ...