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महात्मा ज्योतिबा फूले Mahatma Jyotibafule

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    ज्योतिबा फुले का जन्म 11 अप्रैल, 1827 को हुआ था और निधन 28 नवंबर, 1890 को हुआ था। उनका पूरा नाम ज्योतिराव गोविंदराव फुले था। महात्मा ज्योतिबा फुले के पिता गोविंद राव एक किसान थे और पुणे में फूल बेचते थे। जब ये छोटे थे इनकी मां का देहांत हो गया था। ज्योतिबा फुले समाजसेवी, लेखक, दार्शनिक और क्रांतिकारी के रुप में जाने जाते हैं।महात्मा ज्योतिबा फुले ने जाति भेद, वर्ण भेद, लिंग भेद, ऊंच नीच के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ी। यही नहीं उन्होंने न्याय व समानता के मूल्यों पर आधारित समाज की परिकल्पना प्रस्तुत की। वे महिला शिक्षा की खूब वकालत करते थे। तत्कालीन भारतीय समाज में व्याप्त बुराईयों पर प्रहार करते हुए इन्होंने प्रसिद्ध पुस्तक #गुलामगिरी लिखी।         महात्मा ज्योतिबा फुले भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के एक महान योद्धा थे। वह एक समाज सुधारक, शिक्षाविद और विचारक भी थे। उन्होंने भारतीय समाज को संघर्ष के रास्ते से उठाकर समाज सुधार के रास्ते पर ले जाने का बहुत अहम योगदान दिया। महात्मा ज्योतिबा फुले ने अपने जीवन के दौरान अपने समाज के लोगों की मदद करने के लिए ...

भारतीय संविधान दिवस की महत्वपूर्ण जानकारी

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      आज ही के दिन 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित किया गया। 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ। संविधान लागू होने के साथ ही सभी को मौलिक अधिकार मिले और मानवीय जीवन की प्रतिष्ठा मिली।  बाबा साहब के संविधान में महिलाओं के लिए किये गए विशेष उपबंध।  1.बहुपत्नी की परम्परा को खत्म कर नारियो को अद्भुत सम्मान दिया।  2. प्रथम वैध पत्नी के रहते दूसरी शादी को अमान्य किया।  3. बेटा की तरह बेटी को भी पिता की सम्पति में अधिकार का प्रावधान किया।  4 . गोद लेने का अधिकार दिया।  5. तलाक लेने का अधिकार दिया।  6. बेटी को वारिश बनने का अधिकार दिया।  7. प्रसव छुट्टी का प्रावधान किया।  8.सामान काम के लिए पुरुषो सा सामान वेतन पाने का अधिकार दिया. 9. स्त्री की क्षमता के अनुसार ही काम लेने का प्रावधान किया।  10 भूमिगत कोल खदानों में महिलाओं के काम करने पर रोक लगाया।  11. श्रम की अवधी 12 घंटा से घटा कर 8 घंटा किया।  12. लिंग भेद को खत्म किया।  13. बाल विवाह पर रोक लगाया।  14....

किसानों के मसीहा, स्वतंत्रता सेनानी, दीनबंधु सर छोटुराम की जीवनी

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किसानों के मसीहा, स्वतंत्रता सैनानी, समाज सुधारक, न्याय विद, दीनबंधु सर छोटूराम की जीवनी।  जन्म की तारीख और समय :   24 नवंबर 1881,  गढ़ी साँपला किलोई विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हरियाणा मृत्यु की जगह और तारीख :   9 जनवरी 1945,  लाहौर, पाकिस्तान सर छोटूराम का जन्म रोहतक के गांव गढी सांपला मे एक साधारण परिवार में हुआ। इनका असली नाम राम रिछपाल था। ये घर में सबसे छोटे थे तो इन्हें छोटू राम कहकर बुलाया जाने लगा। प्रारंभिक पढ़ाई के बाद उन्होंने दिल्ली के 'संत स्टीफेंस कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली और फिर एलएलबी पढ़ने वो इलाहाबाद चले गए। फिर पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने वापस लौटकर वकालत भी की और इसी दौरान वो कांग्रेस में शामिल हो गए। 1920 में उन्होंने सभी समुदायों के किसानों को एकजुट करना शुरू कर दिया और एक नए राजनीतिक दल जमींदारा पार्टी का गठन किया।ब्रिटिश राज में किसान उन्हें अपना मसीहा मानते थे। वे पंजाब राज्य के एक बहुत आदरणीय मंत्री (राजस्व) थे और उन्होंने वहाँ के विकास मंत्री के तौर पर भी काम किया था।ये पद उन्हें 1937 के प्रोवेंशियल असेंबली चुनावों क...