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Bharkhama भरखमा (राजस्थानी कहानी संग्रह ) पुस्तक की समीक्षा

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पुस्तक समीक्षा :- धरती जेहा भरखमा,  नमणा जेही केळि। मज्जीठां जिम रच्चणाँ, दई, सु सज्जण मेळि। यो दोहो ढोला मारू रा दूहा नाम गी किताब सूं लियो है। अब थे आ बात ना चेतियो की म्हाने ऄं दोहे सूं किं लेणोदेणो नीं है। ऄं दोहे गो अर्थ बाद में बताउंगा पेली दूसरी बात सुणो:-      आज म्हाने डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी गो लिखेड़ो कहाणी संग्रे 'भरखमा' बांचणे  गो ओसर मिलो। म्हाने लाग् क् डाॅ. जितेंद्र कुमार सोनी गी पिछाण कराणे गी तो जरूरी नीं है। फेर भी थोड़ो आं ग बारे में बता दूं। डाॅ. जितेंद्र कुमार सोनी (आई ए एस ) हाल टैम म नागोर में जिला कलेक्टर है, कलेक्टर गे सागे सागे डॉ. साब की साहित्य में घणी रुचि है। आं हिंदी, बिलायती, राजस्थानी अर् पंजाबी भासा साहित्य में चोखो लिख्यो है।             भरखमा राजस्थानी भासा गो कहाणी संग्रै है, ऄं किताब मं तीन बड़ी बड़ी कहाणी है। आ किताब आपणी भासा (राजस्थानी भासा) मं है,  अर् बोधि प्रकाशन जैपुर सूं छापेड़ी है। उपर लिखेड़ो दोहे सूं किताब लिखणी सरु करी है। किताब गे नाम सारु किताब गो डोळ अर् ऄं मं लिखेड़ी ब...