संदेश

जनवरी, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

NMMS EXAM 2021 / National Means Cum Merit scholarship scheme नेशनल मीन्स कम मेरिट स्कोलरशिप परीक्षा 2021 |एन एम एम एस छात्रवृत्ति योजना

चित्र
National Means Cum Merit(NMMS) SCHOLARSHIP Exam 2021 आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मेधावी विद्यार्थियों को कक्षा 8 में उनके ड्रॉपआउट को रोकने हेतु एवं माध्यमिक स्तर पर अध्ययन जारी रखने को प्रोत्साहित करने के लिए नेशनल मींस कम मेरिट(NMMS) स्कॉलरशिप प्रदान की जाती है। ★ नेशनल मीन्स कम मेरिट छात्रवृत्ति  योजना मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय द्वारा 2008 में प्रारम्भ की गयी थी। ★ इस योजना में संपूर्ण भारत में कमजोर एवं आर्थिक विपन्न वर्ग के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने हेतु कुल 1 लाख विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। ★ यह योजना राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत उन प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिए अत्यंत लाभकारी प्रोत्साहन योजना है जिन्हें अन्य किसी प्रकार की छात्रवृत्ति नही मिलती। ★  इस योजना में सरकारी विद्यालयों के कक्षा 8 में अध्ययनरत वो विद्यार्थी परीक्षा में बैठ सकते  जिन्होंने 7वीं कक्षा भी सरकारी विद्यालय से पास की है तथा जिनके अभिभावक की समस्त स्रोतों से आय 150000 से अधिक न हो (केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय मे...

सावित्रीबाई फुले जयंती Savitri Bai Fule Birth Anniversary

चित्र
सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को हुआ था। इनके पिता का नाम खन्दोजी नेवसे और माता का नाम लक्ष्मी था। सावित्रीबाई फुले का विवाह 1840 में ज्योतिबा फुले से हुआ था। सावित्रीबाई फुले भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापक थीं। महात्मा ज्योतिबा को महाराष्ट्र और भारत में सामाजिक सुधार आंदोलन में एक सबसे महत्त्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में माना जाता है। उनको महिलाओं और दलित जातियों को शिक्षित करने के प्रयासों के लिए जाना जाता है।  ज्योतिराव, जो बाद में ज्योतिबा के नाम से जाने गए सावित्रीबाई के संरक्षक, गुरु और समर्थक थे। सावित्रीबाई ने अपने जीवन को एक मिशन की तरह से जीया जिसका उद्देश्य था विधवा विवाह करवाना, छुआछूत मिटाना, महिलाओं की मुक्ति और शूद्र महिलाओं को शिक्षित बनाना। 'सामाजिक मुश्किलें वे स्कूल जाती थीं, तो विरोधी लोग पत्थर मारते थे। उन पर गंदगी फेंक देते थे।आज से 160 साल पहले बालिकाओं के लिये जब स्कूल खोलना पाप का काम माना जाता था कितनी सामाजिक मुश्किलों से खोला गया होगा देश में एक अकेला बालिका विद्यालय। महानायिका सावित्रीबाई पूरे देश की म...